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Subway Brand Success Story in Hindi | Biggest Restaurant Chain



Subway Brand Success Story in Hindi :-

Subway Brand Success Story in Hindi | Biggest Restaurant Chain
Subway Brand Success Story in Hindi | Biggest Restaurant Chain
दोस्तों आज हम जानेंगे दुनिया के सबसे बड़ी रेस्टोरेंट चैन Subway के बारे में , जिसे करीब 52 साल पहले एक छोटे से सैंडविच शॉप के तौर पर खोला गया था | और इसे खोलने वाले का नाम था फ्रेड डेलुका, जिनके पास इतने पैसे तक नहीं थे कि वह अपना खर्च उठा सके |
लेकिन इसके बावजूद अपनी मेहनत लगन और सोच के दम पर उन्होंने 45 हजार से ज्यादा फ्रेंचाइजी वाली दुनिया की सबसे बड़ी रेस्टोरेंट खोली |
तो चलिए दोस्तों सबवे के सफलता की कहानी की शुरू से जानते है |

दोस्तों कहानी की शुरुवात होती है साल 1965 से, जब 17 साल की उम्र में फ्रेड डेलुका ने एक छोटा सा सैंडविच शॉप खोला | दरअसल फ्रेड ने बिजनेसमैन बनने का कभी नहीं सोचा था, उन्हें तो एक अच्छा डॉक्टर बनना था लेकिन डॉक्टर की पढ़ाई के लिए उनके पास पैसे नहीं थे |
यहां तक की वह अपना खुद का खर्च भी बहुत मुश्किलों से चला पा रहे थे | और इन्हीं मुश्किल हालातों को देखते हुए फ्रेंड के फैमिली फ्रेंड पीटर ने उन्हें $1000 डालर देते हुए, कोई शॉप खोलने की सलाह दी, ताकि फ्रेड थोड़े पैसे जुड़ा सकें और अपनी कॉलेज की फीस भर सकें |
दरअसल पीटर फ्रेड से 17 साल बड़े थे और उन्होंने बहुत पहले ही कोलंबिया यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री ली थी |
पीटर से प्राप्त उन $1000 को इनवेस्ट करते हुए फ्रेड ने एक ऐसा रेस्टोरेंट खोलने का सोचा जहां वे हेल्दी और कम कीमत वाली कोई फास्ट फूड प्रोवाइड कर सके और इसी सोच के साथ 28 अगस्त 1965 को उन्होंने “पीटर सुपर सबमरीन” नाम का एक सैंडविच स्टोर खोला |
जिसका नाम अगले कुछ ही महीनों में बदलकर उन्होंने “पिट्स subway” कर दिया था क्योंकि उस रेस्टोरेंट का पहला नाम “पिज़्ज़ा मरीन” से काफी मिलता जुलता था |
हलाकि जब उन्होंने कुछ महीनो बाद बिज़नस को एनालाइज किया तो पता चला की उन्हें घाटा हुआ है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार मानने की बजाय एक और रेस्टोरेंट खोल दिया |
हलाकि यह रेस्टोरेंट घाटे में तो नहीं गयी लेकिन फायदा हुआ भी तो सिर्फ 6 डॉलर का, फिर क्या था आपको तो पता ही है की दोनों कितने जिद्दी थे….उन्होंने 1968 में एक और रेस्टोरेंट खोल लिया , जिसका नाम सबवे रखा गया |
दरसल फ्रेड और पिटर के अन्दर हमेशा कुछ नया सिखने का जूनून था, और इसी जुनुन को साथ लिए वे आगे बढ़ते रहे |
और दोस्तों किसी ने सच ही कहा है
सवार हो जाए जब जूनून सर पर की कुछ पाना है,
तो फिर क्या रह जायेगा दुनिया में जो हाथ नहीं आना है
पहली बार इस रेस्टोरेंट से 7000 डालर का प्रोफिट हुआ और फिर फ्रेड और पिटर ने इसके फ्रेंचिजी खोलने शुरू किया | लोगों से भी सबवे को बहुत जबरजस्त सपोर्ट मिला | देखते ही देखते सबवे ने 1978 तक 100 स्टोर्स खोल लिए और फिर 1987 तक इसकी संख्या बढ़ कर 1000 स्टोर्स तक पहुँच गयी |
भारत में पहली बार सबवे ने 2001 में कदम रखा और अगर अभी तक की बात करें तो सबवे के 68 शहरों में करीब 591 रेस्टोरेंट्स खुल चुके है |
2010 के बाद से सबवे, मैक्डोनाल्ड को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट चैन बन गयी | जिसके आज के समय में 112 देशो में 45000 से जयादा रेस्टोरेंटस है |
एक अच्छी खासी सफलता के बाद 2002 में फ्रेड ने अपने कालेज जाने का भी सपना पूरा किया और Bridgeport University से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की |
हलाकि 2015 में फ्रेड की “ल्यूकेमिया” नाम की बिमारी की वजह से मृत्यु हो गयी और अब उनकी बहन सुजैन ग्रीको सबवे की प्रेसिडेंट और सीईओ है |
तो दोस्तों मुझे उम्मीद है दुनिया के सबसे बड़ी रेस्टोरेंट चेन सबे के फाउंडर फ्रेड की कहानी से आपको जरुर इस्पिरेशन मिली होगी |

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