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Michael Phelps Biography in Hindi | King of Swimming



BY  ON may

Michael Phelps Biography in Hindi :-

Michael Phelps Biography in Hindi
Michael Phelps Biography In Hindi
दोस्तों आज हम जानेंगे एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में जिसने अपने जज्बे और जूनून से इतिहास को बदल दिया, और सभी को यह दिखा दिया की अगर इंसान, दिल से कुछ चाहे और उसे पूरा करने की ठान ले तो वह कठिन से कठिन लक्ष्य को भी हासिल कर सकता है |
ये दास्ताँ है स्विमिंग के बादशाह और ओलंपिक के आज तक के सबसे महान खिलाड़ी माइकल फेल्प्स की जिनके नाम आज तक कुल 83 मेडल्स है, और सबसे बड़ी बात उन मेडल्स में से 28 मेडल्स उन्होंने ओलम्पिक में जीता है, और उन 28 मेडल्स में भी 23 गोल्ड मेडल्स है |
दोस्तों आप मेडल्स का महत्व इसी बात से लगा सकते है की भारत ने सन 1900 से लेकर अभी तक ओलम्पिकस के खेलों में केवल 28 मेडल्स जीते है और उसमे भी सिर्फ 9 गोल्ड मेडल्स है |
फेल्प्स ने 2008 के ओलम्पिक में स्विमिंग के सभी फोर्मट्स में कुल 8 गोल्ड मेडल्स जीत कर इतिहास रच दिया | लेकिन उससे भी बड़ी बात, यह कारनामा भी उन्होंने ऐसे समय पर किया जब 2008 ओलम्पिक के 2 साल पहले उनके दाहिने हाथ की कलाई टूट गयी थी, और डॉक्टर ने यह तक कह दिया था की आप अब अपने हाथ का इस्तमाल उस रफ्तार से नहीं कर पायेंगे जैसा की पहले करते थे |
लेकिन फेल्प्स इस बात को सुनने के बाद पहले से दो गुना प्रेक्टिस करने लगे, और 2008 के ओलम्पिक में मार्क स्पिट्ज का 36 साल पुराना रिकार्ड तोड़ते हुए 8 गोल्ड मेडल्स अपने नाम कर लिए |
तो चलिए दोस्तों स्विमिंग के बादशाह माइकल फेल्प्स के इस प्रेरणादायक जीवन को हम शुरू से जानते है |

माइकल फेल्प्स का जन्म 30 जून 1985 को अमेरिका के बाल्टीमोर नाम की जगह पर हुआ था | फेल्प्स के माता पिता ने सात साल की उम्र में ही उन्हें स्विमिंग क्लासेज के लिए भेजना शुरू कर दिया, लेकिन उनका मकसद केवल उन्हें तैरना सिखाना था |
लेकिन आगे चल कर फेल्प्स के अन्दर स्विमिंग का जैसे पागलपन सा हो गया और उन्होंने इसी खेल में अपना कैरियर बनाने का फैसला कर लिया |
देखते ही देखते अपने प्रेक्टिस के दम पर उन्होंने सिर्फ 10 साल की उम्र में अपने आप को इतना ट्रेंड कर लिया की अपने एज ग्रुप के लगभग सभी नेशनल रिकार्ड्स को तोड़ डाला |
उसके बाद Bob Bowman से ट्रेनिग लेते हुए सिर्फ 15 साल की उम्र में उन्होंने 2000 समर ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया , और पिछले 68 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए ओलम्पिक में क्वालीफाई करने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष बने |
हालांकि वे उस ओलम्पिक में एक भी मेडल जितने में सफल नहीं हो सके |
लेकिन उन्होंने हार ना मानते हुए अपने प्रेक्टिस को जारी रखा और फिर 2004 के समर ओलंपिक में उन्होंने ओलम्पिक के खेलो में जीत की शुरुवात की और कुल 6 गोल्ड, 2 ब्रोंज के साथ 8 मेडल अपने नाम कर लिया |
इसी ओलम्पिक के ही एक मैच में वे अपने बचपन के हीरो इअन थोर्प (Australian swimmer) के साथ भी कम्पटीट कर रहे थे |
सभी रेस खत्म होने के बाद मिडिया वालों ने इअन थोर्प से पूछा की क्या आपको इस ओलम्पिक के रिकार्डस को देखते हुए लगता है लगता है की फेल्प्स अगले ओलम्पिक में सभी गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच सकते है ? तो उस बात का उत्तर देते हुए इअन थोर्प ने कहा की यह कभी संभव ही नहीं है, ऐसा करना लगभग असंभव है, फेल्प्स कभी भी ऐसा नहीं कर पायेगा |
जब यह बात फेल्प्स के पास पहुची तभी उन्होंने ठान लिया की वे अगले ओलम्पिक में सभी गोल्ड मेडल जीत कर ही रहेंगे , और फिर उन्होंने अपने प्रेक्टिस को और भी बढ़ा दिया | यहाँ तक की वे छुट्टियों में भी प्रेक्टिस करने लगे |
लेकिन 2008 ओलम्पिक के दो साल के पहले उनके दाहिने हाथ की कलाई फैक्चर हो गयी और डॉक्टर ने यह कह दिया था की आप अब अपने हाथ का यूज उस रफ़्तार से नहीं कर पायेंगे जैसा की पहले करते थे |
लेकिन यह बात जानने के बाद हाथो का कम यूज करते हुए फेल्प्स ने अपने पैरों ध्यान केन्द्रित किया और अपने आप को कुछ इस तरह तैयार कर लिया की 2008 के ओलम्पिक में सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए स्विमिंग के सभी फॉर्मेटस में जीतकर इतिहास रच डाला और मार्क स्पिट्ज के 7 गोल्ड मेडल का रिकार्ड तोड़ते हुए कुल 8 गोल्ड अपने नाम किया | और ऐसा कारनामा करने वाले वे पहले खिलाड़ी बने |
उसके बाद भी फेल्प्स शांत नहीं बैठे और 2012 के ओलम्पिक में भी उन्होंने 4 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल के साथ 6 मेडल अपने नाम किया |
इस ओलम्पिक से बाद उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला कर लिया, लेकिन वे अपने लाइफ में स्विमिंग को इतना टाइम दे चुके थे की अब बिना इस खेल के वे रह नही पा रहे थे इसी लिए 2014 में उन्होंने रिटायरमेंट वापस के लिया और अपने अगले दो सालों की कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने 2016 के रियो ओलम्पिक में पार्टिसिपेट किया, और वहां भी 5 गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया |
इस तरह से उन्होंने अपने अन्तिम 4 ओलम्पिकस में कुल 23 गोल्ड मेडल जीत कर किसी भी खेल में सबसे ज्यादा गोल्ड जितने का वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया |
आखिरकार इस महान खिलाड़ी ने 2016 के रियो ओलम्पिक के रिटायर्मेंट ले लिया |
लेकिन दोस्तों फेल्प्स ने अपने खेल जीवन से हमें यह सीख दे दिया की
हार मानो नही तो कोशिश बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

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