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Motorola (A Lenovo Company) Success Story in Hindi



BY  ON may

Motorola (A Lenovo Company) Success Story in Hindi :-

Motorola (A Lenovo Company) Success Story in Hindi | Mobility | Solutions | Paul & Joseph Galvin
Motorola (A Lenovo Company) Success Story in Hindi | Mobility | Solutions
दोस्तों आज हम जानेंगे, अमेरिका के मल्टीनेशनल टेलीकम्युनिकेशन कंपनी, मोटोरोला के बारे में, जिसे कि दुनिया का सबसे पहला पोर्टेबल मोबाइल फोन बनाने का श्रेय जाता है |
साथ ही कुछ सालों पहले तक यह कंपनी, Mobile Phones बनाने और बेचने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी थी |
हालांकि 2007 से 2009 तक भारी नुकसान होने की वजह से इस कंपनी को बेचना पड़ गया | जिसके बारे में मैं आगे इसी विडियो में आपको डिटेल में बताऊंगा लेकिन उससे पहले चलिए हम मोटोरोला के सफर को शुरू से जानते हैं |
तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है आज से करीब 90 साल पहले से, जब एक छोटे किराए की मकान में दो भाइयों ने मिलकर गल्विन मैनुफैक्चरिंग कारपोरेशन नाम के कंपनी की स्थापना की |
और उन दोनों भाइयों का नाम था, पॉल और जोशेफ़ गाल्विन | यह कंपनी सिर्फ 5 एंप्लाइज और $565 के वर्किंग कैपिटल के साथ शुरू हुई थी |
दरअसल उस टाइम दिवालिया हो चुकी थी “स्टीवर्ट बैटरी कंपनी” के औजारों को नीलामी में खरीदकर इस कम्पनी को शुरू किया गया था |
कंपनी शुरू हो जाने के बाद इसका सबसे पहला प्रोडक्ट बैटरी एलिमिनेटर था, जो की बैटरी से चलने वाले रेडियो को घरेलू बिजली पर भी चलने के लायक बनाता था |
लेकिन यह प्रोडक्ट बहुत ही जल्द मार्केट से चला गया क्योकि रेडियो टेक्नालॉजी तेजी से आगे बढ़ रही थी |
और फिर आगे चलकर पॉल को पता चला कि आज कल लोग, कार में रेडियो लगाना पसंद कर रहे हैं | तो उन्होंने अपने इंजीनियर को एक सस्ता और अच्छा कार रेडियो बनाने के लिए कहा |
और फिर गल्विन मैनुफैक्चरिंग कारपोरेशन द्वारा डिजाईन किये गए इस रेडियो को “रेडियो मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के सम्मेलन” में दिखाया गया, जहां पर लोगों ने इसे खूब पसंद किया | और यही से कंपनी को आर्डर मिलने शुरु हो गए |
अब पॉल “गल्विन मैनुफैक्चरिंग कारपोरेशन” के द्वारा बनाए गए इस रेडियो को एक अलग ब्रांड नेम देना चाहते थे, इसी लिए उन्होंने इस रेडिओ का नाम मोटोरोला दे दिया |
दरसल मोटोरोला दो शब्दों से मिल कर बना हुआ था, पहला मोटोर जो की मोटर कार सम्बंधित था, और दूसरा ओला को की बिक्रोला से लिया गया था |
कंपनी ने अपना पहला Motorola ब्रांड का रेडियो 27 जून 1930 को बेचा, और फिर यह रेडियो जब खूब प्रसिद्ध हो गया तो कंपनी ने भी अपना नाम बदलकर मोटोरोला कर दिया |
आगे चलकर मोटोरोला ने “कार रेडियो रिसीवर” बनाया और इसे पुलिस डिपार्टमेंट और नगर पालिका को बेचा | और फिर दूसरे विश्व युद्ध के समय इस कम्पनी ने SCR 536 मॉडल का रेडियो लांच किया, जिससे अमेरिकन मिलिट्री को कम्युनिकेशन में काफी मदद हुई |
1947 में रेडियो के अलावा मोटोरोला ने VT-71 मॉडल का एक टेलीविजन बनाया और इस टाइम तक मोटोरोला का मेन बिजनेस रेडियो और TV बनाना था |
1958 में अमेरिका का पहला सेटेलाईट लांच करते समय, मोटोरोला ने नासा के लिए भी बहुत सारे रेडियो उपकरण (Equipments)बनाये थे |
और फिर नील आर्मस्ट्रांग ने पहली बार चंद्रमा पर जा कर मोटोरोला के ट्रांसिवर से ही अपनी आवाज धरती पर पहुंचाई थी |
आगे चल 3 अप्रैल 1973 में मोटोरोला ने दुनिया का पहला पोर्टेबल मोबाइल फोन बनाया | जिसका मॉडल था DynaTAC, और इसे मोटोरोला के ही सीनियर इंजिनियर मार्टिन कूपर ने बनाया था |
1974 में, मोटोरोला ने अपने टेलीविजन बिजनस को जापान के मात्सु-शिता कम्पनी बेच दिया , जो की पैनासोनिक की पैरेंट कम्पनी है |
और फिर फ़ोन बनाने पर ध्यान केन्द्रित करने के बाद, 1984 में मोटोरोला ने ही पहला सेलुलर फ़ोन लांच किया, जिसका नाम था DynaTAC 8000x.
और फिर आगे भी 1996 तक मोटोरोला ने मायक्रो TAC, अल्ट्रा क्लासिक, और, स्टार TAC माडल का फोन लाया | अब तक यह मोबाइल फोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कपनी थी |
लेकिन नोकिया के आने के बाद 1998 में यह दुसरे पायदान पर खिसक गयी |
और फिर आगे भी मोटोरोला ने, स्टार Tac 2004, रेजर मैक्स और XT603 जैसे कई सारे बेहतरीन मोबाइल फोन लांच किये |
लेकिन 2007 के बाद से इस कम्पनी को नुक्सान होता चला गया, और फिर 4 जनवरी 2011 को इसे दो अगल अलग पब्लिक कम्पनियों में बाँट दिया गया |
पहला Motorola Mobility और दूसरा Motorola Solutions.
और फिर 2012 में गूगल ने मोटोरोला मोबिलिटी को खरीद लिया लेकिन आगे चल कर सिर्फ दो साल के अंदर ही गूगल ने भी इसे लेंनवो को बेच दिया |
और अब लेनवो के बैनर तले मोटोरोला के मोबाइल phone फिर से आगे निकलने की कोशिश में लगे हुए है |
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