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Uber Success Story in Hindi | Taxi Technology Company


BY  ON may

Uber Success Story in Hindi | Taxi Technology Company :-

Uber Success Story in Hindi | Travis Kalanick & Garrett Camp Biography | Taxi Technology Company
Uber Success Story in Hindi | उबर के सफलता की कहानी
दोस्तों आज हम जानेंगे ग्लोबल ट्रांसपोर्टेशन कंपनी उबर के बारे में, जिसने अपनी बेहतरीन कैब सर्विस से हमारे सफर को काफी हद तक आसान बना दिया है |
साथ ही उबर एक दो नहीं बल्कि कुल 633 शहरों में अपनी सर्विस प्रोवाइड करती है |
और बहुत कम लोगों को पता होगा कि उबर कंपनी हेलीकॉप्टर और सेल्फ ड्राइविंग कार की भी सर्विस ला चुकी है |
और यह कंपनी फ़ूड ऑर्डरिंग सर्विस में भी बिजनेस करती है |
तो चलिए दोस्तों, उबर के इन इंटरेस्टिंग फैक्ट्स हो तो हम डिटेल में जानेंगे… लेकिन उससे पहले हम इस कम्पनी के जर्नी को शुरू से जानते हैं |
दोस्तों उबरकैब की सफर शुरू होती है आज से करीब 9 साल पहले से, जब गेरेट कैम्प नाम के एक आदमी ने न्यू ईयर पार्टी से पहले अपने दोस्तों के साथ प्राइवेट ड्राइवर को बुक करने के लिए $800 खर्च किये |
और तभी उन्होंने सोचा कि अगर एक गाड़ी को कई लोगों के साथ शेयर कर लिया जाए तो किराए का बोझ हर किसी पर कम पड़ेगा |
यही सोच आगे चलकर उबर में तब्दील हुआ |
लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है की यह कांसेप्ट तब आया था…..जब एक शाम टरेविस कलानिक, फ्रांस में अपने दोस्त गेरेट केम्प के साथ कड़कड़ाती ठंड में टैक्सी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन बहुत देर तक उन्हें कोई भी टैक्सी नहीं मिल सकी और इसी असुविधा को दूर करने के लिए उन्होंने उबर कपनी खोलने का सोचा |
बहरहाल जो भी हो हम आगे की स्टोरी जानते है |
इस कांसेप्ट को काम में लाने के लिए गेरेट कैम्प ने अपने कुछ दोस्तों की हेल्प ली, और कलानिक ने बतौर सलाहकार कम्पनी को ज्वाइन किया | और यही दोनों लोग कम्पनी के फाउंडर माने जाते है |
दरसल गेरेट कैम्प StumbleUpon के को-फाउंडर थे साथ ही कलानिक ने भी अपनी स्टार्टअप कम्पनी रेड स्वुश को 19 मिलियन डॉलर में बेचा था |
अपनी प्लानिंग के तहत काम करने के बाद उन्होंने उबर का बीटा वर्जन मई 2010 में लांच किया |
और इस कम्पनी के पहले एम्प्लोयी का नाम था रयान, जिन्होंने गेरेट कैम्प के ट्विट पर रिस्पोंड देते हुए यह जॉब पायी थी | रयान ने कम्पनी को जनरल मैनेजर के तौर पर ज्वाइन किया और जल्द ही उनका प्रोमोशन कर के उन्हें कम्पनी सीईओ बना दिया गया |
2011 में सैन फ्रांसिस्को में कंपनी ने अपनी सर्विस के साथ साथ अपनी ऑफिशियल एप्लीकेशन भी लांच की, जिससे की शुरुआती समय में सिर्फ ब्लैक प्रीमियम Cars” ही बुक होती थी |
लेकिन यह सर्विस उस टाइम तक ज्यादा पॉपुलर नहीं हो सका क्योंकि कैबs के प्राइस आम टैक्सी के हिसाब से डेढ़ गुना महंगे थे |
और हां 2011 तक उबर का नाम उबरकैब था लेकिन सैन फ्रांसिस्को के टैक्सी ऑपरेटर की शिकायत पर उबरकैब को अपने नाम में से कैब शब्द हटाना पड़ा |
1 साल तक काम करते हुए उबर ने अपनी स्ट्रेटजी में काफी सारे बदलाव लाये, और फिर जुलाई 2012 में उबर x नाम की एक सर्विस लांच की, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपनी कार इस कंपनी के लिए चला सकता था |
हालांकि कार को कंपनी में लेने से पहले, उबर इसके बैकग्राउंड और सभी जरूरी पेपर्स की अच्छी तरीके से जांच करता है, साथ ही कार मालिक और ड्राईवर को भी उनके रूल्स फालो करने पड़ते है |
इस सर्विस को लाने के बाद कंपनी तेजी से आगे बढ़ने लगी और जल्दी बिजनेस 35 शहरों तक एक्सपेंड हो गया |
आगे चल कर कम्पनी ने जुलाई 2014 में ब्लेड कम्पनी के साथ पाटनर्शिप करते हुए हेलिकॉप्टर राइड की भी सर्विस शुरू की, जिसके तहत उन्होंने 3,000 डॉलर में न्यूयॉर्क सिटी से हैम्पट-नस तक की सेवा स्टार्ट की  | और इस सर्विस को उबरचॉपर (UberCHOPPER) का नाम दिया गया |
अगले ही महीने अगस्त में कम्पनी ने एक और सर्विस का ट्रायल लांच किया जिसका नाम था उबर पूल |
बेसिकली इस सर्विस के तहत उबर एप्लीकेशन, एक सवारी को दूसरी सवारी से जोड़ती है अगर दोनों एक ही दिशा में जा रहे होते हैं तो दोनों सवारियों को एक ही टैक्सी में बैठा लिया जाता है, साथ ही किराया भी दोनों यात्रियों के बीच में बट जाती है |
यह सर्विस लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हुई और इससे कम्पनी की ग्रोथ काफी ज्यादा बढ़ गयी |
और इसी महीने उबर ने लगातार अपनी दूसरी सर्विस भी स्टार्ट करी, जो की ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग सर्विस थी | और इस सर्विस को उबर Eat का नाम दिया गया | जिसमे की सिर्फ 30 मीनट फ़ूड डिलीवरी का कांसेप्ट लाया गया |
आगे चल कर मार्च 2015 में ड्रीम ड्राइव से कोलाबोरेशन करने के बाद उबर ने लक्जरी कार सर्विस सिंगापूर से शुरू किया, जिसके तहत लेम्बोर्गिनी जैसी कारों को भी बुक किया जा सकता है |
और इसी साल कलानिक ने उबर के लिए Self Driving Cars लाने की इच्छा जताई, जिसके बाद मई 2015 से रिसर्च के लिए कम्पनी ने Robotics Department बनाया |
और फिर 14 सितम्बर 2016 को उबर ने अपना पहला सेल्फ ड्राइविंग कार सर्विस लांच लिया |
और कुछ इसी तरह से उबर आज के समय में कुल 83 से ज्यादा देशों और लगभग 633 शहरों में अपनी शानदार सर्विस के लिए छाया हुआ है |
और 2017 के शुरुआत में, अमेरिका में कैब सर्विस में ऊबर की हिसेदारी 84% तक थी |
लेकिन दोस्तों उबर ने कामयाबी का यह सफ़र भले ही बहुत जल्दी तय कर लिया हो लेकिन इस कम्पनी के सामने बहुत सारी मुश्किले भी आई और इसे बहुत सारे विवादों में भी फसना पड़ा |
लेकिन हार ना मानते हुए दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद कम्पनी आज इस मुकाम पर कड़ी है और आगे भी बहुत सारे नए नए ऊँचाइयों की तरफ अग्रसर है |
तो दोस्तों ये थी उबर के सफलता की कहानी, उम्मीद है आपको यह जरुर पसंद आई होगी |

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